टी बैग्स से निकलते हैं नुकसानदायक माइक्रोप्लास्टिक्स, शोध में आये चिंताजनक नतीजे सामने, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
RNE Network
आजकल टी बैग का प्रचलन काफी बढ़ गया है। फाइव व थ्री स्टार होटलों के लग्जरी कमरों में यही रहते हैं ताकि ठहरने वाला आसानी से खुद चाय बनाकर पी सके। कथित कुलीन लोग घरों में भी, ऑफिस में भी अब इनका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं।
सावधान ! इनका उपयोग करने वाले अब सतर्क हो जायें। टी बैग का उपयोग काफी बढ़ गया है, लेकिन इसमें लाखों नुकसानदायक माइक्रोप्लास्टिक होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। हाल ही में स्पेन में हुए एक शोध में सामने आया कि इन बैग की बाहरी परत को बनाने में आमतौर पर पॉलिएस्टर नामक मैटेरियल का उपयोग किया जाता है। जिसे गर्म पानी में डालने पर बड़ी मात्रा में मैक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स ( प्लास्टिक के बहुत छोटे टुकड़े ) और रेशेदार संरचनाएं निकलती है।
बार्सिलोना के स्वायत्त विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह कण हमारी आंतों की कोशिकाओं में घुस जाते हैं और वहां से हमारे रक्त में प्रवेश कर पूरे शरीर में फेल जाते हैं। शोधकर्ताओं ने बाजार में उपलब्ध कई तरह के टी बैग की जांच की तो इनमें नायलॉन -6, पॉलीप्रोपाईलीन व सेल्युलोज जैसे मैक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स पाए गए।